राजस्थान में 15 दिसंबर को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 115 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 18 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का फैसला किया। 30 दिसंबर को राजभवन में नए मंत्रियों ने शपथ ली।
मंत्री का नाम | मंत्रालय |
राज्यवर्धन सिंह राठौर | जल संसाधन |
किरोड़ी लाल मीणा | सामाजिक न्याय व अधिकारिता |
गजेंद्र सिंह खिमसर | ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज |
बाबूलाल खराड़ी | उद्योग एवं वाणिज्य |
जोगाराम पटेल | खान एवं पेट्रोलियम |
सुरेश सिंह रावत | कृषि एवं पशुपालन |
मदन दिलावर | परिवहन एवं सड़क निर्माण |
राजस्थान में मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार
नए मंत्रियों में राज्यवर्धन राठौर, किरोड़ी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह खिमसर, बाबूलाल खराड़ी, जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत और मदन दिलावर शामिल हैं।
राज्यवर्धन राठौर को जल संसाधन मंत्रालय मिला है। वे पूर्व में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। उनके पास जल संसाधन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। उन्हें उम्मीद है कि वे राजस्थान में जल संकट को दूर करने और प्रदेश की सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
किरोड़ी लाल मीणा को सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय मिला है। वे पूर्व में भी इस मंत्रालय के मंत्री रह चुके हैं। वे मीणा समुदाय के प्रमुख नेता हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे मीणा समुदाय के विकास और उत्थान के लिए काम करेंगे।
गजेंद्र सिंह खिमसर को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय मिला है। वे जाट समुदाय के नेता हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए काम करेंगे।
बाबूलाल खराड़ी को उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय मिला है। वे गुर्जर समुदाय के नेता हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे राजस्थान में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे।
जोगाराम पटेल को खान एवं पेट्रोलियम मंत्रालय मिला है। वे गुज्जर समुदाय के नेता हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे राजस्थान के खान और पेट्रोलियम क्षेत्रों के विकास के लिए काम करेंगे।
सुरेश सिंह रावत को कृषि एवं पशुपालन मंत्रालय मिला है। वे ब्राह्मण समुदाय के नेता हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे राजस्थान के कृषि और पशुपालन क्षेत्रों के विकास के लिए काम करेंगे।
मदन दिलावर को परिवहन एवं सड़क निर्माण मंत्रालय मिला है। वे भील समुदाय के नेता हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे राजस्थान की सड़क परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।
नए मंत्रियों से क्या उम्मीदें?
नए मंत्रियों से प्रदेश में विकास और सुशासन के लिए काम करने की उम्मीद की जा रही है। इन मंत्रियों से निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की उम्मीद है:
- जल संकट: राजस्थान में जल संकट एक गंभीर समस्या है। नए मंत्रियों से उम्मीद है कि वे इस समस्या को दूर करने के लिए काम करेंगे।
- बेरोजगारी: राजस्थान में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। नए मंत्रियों से उम्मीद है कि वे रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए काम करेंगे।
- कृषि: राजस्थान एक कृषि प्रधान राज्य है। नए मंत्रियों से उम्मीद है कि वे कृषि क्षेत्र के विकास के लिए काम करेंगे।
- शिक्षा: राजस्थान में शिक्षा का स्तर सुधारने की जरूरत है। नए मंत्रियों से उम्मीद है कि वे शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे।
- स्वास्थ्य: राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत है। नए मंत्रियों से उम्मीद है कि वे स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे।
नए मंत्रियों से उम्मीद है कि वे प्रदेश की जनता की सेवा करेंगे और राजस्थान को एक विकसित राज्य बनाने में योगदान देंगे।