Placeholder canvas
Bharat Ratna: 'मेरे जीवन के आदर्शों-सिद्धांतों का सम्मान'; भारत रत्न के एलान के बाद भावुक हुए लालकृष्ण आडवाणी

Bharat Ratna: ‘मेरे जीवन के आदर्शों-सिद्धांतों का सम्मान’; भारत रत्न के एलान के बाद भावुक हुए लालकृष्ण आडवाणी

Bharat Ratna: लालकृष्ण आडवाणी, जिन्हें हाल ही में भारत रत्न से सम्मानित किया गया है, भावुक हो उठे हैं। उन्होंने इसे “मेरे जीवन के आदर्शों और सिद्धांतों का सम्मान” बताया और कहा कि यह पुरस्कार उन्हें देश की सेवा करने के लिए और प्रेरित करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी और कहा कि उन्होंने “भारत की राजनीति और समाज पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।”

96 वर्षीय आडवाणी 1951 से भाजपा से जुड़े रहे हैं और 1998 से 2004 तक इसके अध्यक्ष रहे थे। उपप्रधानमंत्री के रूप में भी उन्होंने देश की सेवा की है। राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी अहम भूमिका रही थी और भाजपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने में भी उनका योगदान सराहनीय है।

भारत रत्न, कला, साहित्य, विज्ञान, खेल और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। आडवाणी को यह सम्मान मिलना उनके लंबे और सफल राजनीतिक जीवन का प्रमाण है। उन्होंने इस पुरस्कार को देश के लोगों को समर्पित किया और कहा कि वह देश की सेवा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देते रहेंगे।

यह सम्मान आडवाणी के साथ-साथ देश के लिए भी गौरवपूर्ण क्षण है। यह हमारे लोकतंत्र और मूल्यों की ताकत दिखाता है। युवाओं के लिए भी यह प्रेरणा का स्रोत है, यह उन्हें सिखाता है कि कड़ी मेहनत और लगन से सफलता पाई जा सकती है। भारत के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण क्षण है और निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहेगा।

लालकृष्ण आडवाणी को मिला भारत रत्न: “जीवन के आदर्शों का सम्मान”, देश सेवा का संकल्प मजबूत

भावुक हुए वरिष्ठ नेता: भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर लालकृष्ण आडवाणी ने इसे “अपने जीवन के आदर्शों और सिद्धांतों का सम्मान” बताया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें देश की सेवा करने के लिए और प्रेरित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी की बधाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आडवाणी को बधाई दी और कहा कि उन्होंने “भारत की राजनीति और समाज पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।”

लंबा राजनीतिक सफर: 96 वर्षीय आडवाणी 1951 से भाजपा से जुड़े रहे हैं और 1998 से 2004 तक इसके अध्यक्ष रहे थे। उपप्रधानमंत्री के रूप में भी उन्होंने देश की सेवा की है। राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी अहम भूमिका रही थी और भाजपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने में भी उनका योगदान सराहनीय है।

सर्वोच्च सम्मान: भारत रत्न, कला, साहित्य, विज्ञान, खेल और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

देश के लिए गौरव: आडवाणी को यह सम्मान मिलना उनके लंबे और सफल राजनीतिक जीवन का प्रमाण है। उन्होंने इस पुरस्कार को देश के लोगों को समर्पित किया और कहा कि वह देश की सेवा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देते रहेंगे।

लोकतंत्र और मूल्यों की जीत: यह सम्मान आडवाणी के साथ-साथ देश के लिए भी गौरवपूर्ण क्षण है। यह हमारे लोकतंत्र और मूल्यों की ताकत दिखाता है।

युवाओं के लिए प्रेरणा: यह सम्मान युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है, यह उन्हें सिखाता है कि कड़ी मेहनत और लगन से सफलता पाई जा सकती है।

इतिहास में अंकित क्षण: भारत के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण क्षण है और निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top

BJP Modal