नई दिल्ली: गोरक्षा के लिए ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गुरुवार को दिल्ली में एक विशाल मार्च निकाला। यह मार्च बदरपुर आश्रम से शुरू होकर संसद भवन तक गया। इस मार्च में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।
शंकराचार्य ने कहा कि गाय हमारी संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है। गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने से गायों की रक्षा होगी और गौ हत्या पर रोक लगेगी।
शंकराचार्य ने कहा कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए वह देश भर में अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि वह सभी राजनीतिक दलों से इस मांग का समर्थन करने की अपील करेंगे।
इस मार्च में शामिल हुए लोगों ने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग के नारे लगाए। उन्होंने गाय को बचाने के लिए सरकार से कड़े कानून बनाने की भी मांग की।
शंकराचार्य ने संसद में ज्ञापन सौंपा
शंकराचार्य ने संसद भवन पहुंचकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने और गौ हत्या पर रोक लगाने की मांग की गई है।
शंकराचार्य ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखा
शंकराचार्य ने गोरक्षा के लिए सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने और गौ हत्या पर रोक लगाने की मांग की है।
शंकराचार्य ने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग क्यों की?
शंकराचार्य का कहना है कि गाय हमारी संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है। गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने से गायों की रक्षा होगी और गौ हत्या पर रोक लगेगी।
शंकराचार्य का अभियान कितना सफल होगा?
यह कहना अभी मुश्किल है कि शंकराचार्य का अभियान कितना सफल होगा। हालांकि, उनके अभियान ने गोरक्षा के मुद्दे को फिर से राष्ट्रीय बहस में ला दिया है।