प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को कटड़ा से बारामूला तक पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे, जिससे कश्मीर तक रेल संपर्क का 70 साल पुराना सपना साकार होगा। यह ऐतिहासिक ट्रेन रियासी जिले के कटड़ा से चलकर पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला को पार करते हुए श्रीनगर होते हुए बारामूला पहुंचेगी।
ऐतिहासिक यात्रा का शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में ट्रेन का शुभारंभ करेंगे। वर्तमान में यह ट्रेन संगलदान से बारामूला तक संचालित हो रही है।
दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का अवलोकन
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान चेनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का भी निरीक्षण करेंगे, जिसे आधुनिक इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जाता है। इसके बाद वे माता वैष्णो देवी बेस कैंप कटड़ा पहुंचेंगे और वहां से वंदे भारत ट्रेन को कश्मीर के लिए रवाना करेंगे।
दिल्ली से सीधा रेल संपर्क नहीं
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, जुलाई-अगस्त तक जम्मू रेलवे स्टेशन के विस्तार कार्य पूरा होने के बाद, जम्मू से घाटी के लिए ट्रेन सेवा शुरू होने की संभावना है। हालांकि, दिल्ली या अन्य राज्यों से सीधे कश्मीर तक कोई ट्रेन नहीं होगी। यात्रियों को कटड़ा में ट्रेन बदलनी होगी, और बाद में यह स्थानांतरण जम्मू से होगा।
41,000 करोड़ रुपये की लागत से बनी यूएसबीआरएल परियोजना
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना की कुल लंबाई 272 किलोमीटर है, जिसमें से 209 किलोमीटर पहले ही चरणबद्ध तरीके से चालू हो चुका है:
- 2009: काजीगुंड-बारामूला (118 किमी)
- 2013: बनिहाल-काजीगुंड (18 किमी)
- 2014: उधमपुर-कटड़ा (25 किमी)
- 2023: बनिहाल-संगलदान (48.1 किमी)
- 2023: संगलदान-रियासी (46 किमी)
- 2024: कटड़ा-रियासी (17 किमी)
इस परियोजना पर कुल 41,000 करोड़ रुपये का खर्च आया है।
एंटी-फ्रीजिंग तकनीक से लैस वंदे भारत
कटड़ा से श्रीनगर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को खासतौर पर एंटी-फ्रीजिंग तकनीक के साथ डिजाइन किया गया है। यह ट्रेन -20°C तक के तापमान में सुचारू रूप से चल सकती है। इसके अलावा, यह आधुनिक हीटिंग सिस्टम, शैटरप्रूफ खिड़कियों, एंटी-फ्रॉस्ट विंडशील्ड और सीसीटीवी कैमरों से सुसज्जित है।
कश्मीर को मिलेगा नया आर्थिक बल
रेल सेवा से पर्यटन, बागवानी, कृषि, उद्योग और शिक्षा को नया बढ़ावा मिलेगा। अब बारिश और बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद होने की चिंता कम होगी, जिससे यात्रियों और माल ढुलाई दोनों को लाभ मिलेगा।
यह ऐतिहासिक पहल कश्मीर के विकास को नई दिशा देगी और हर मौसम में निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करेगी।