व्हाइट हाउस में 28 फरवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में तीखी बहस हुई. इस विवाद के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने यूक्रेन को दी जा रही सहायता में संभावित धोखाधड़ी और दुरुपयोग की जांच तेज करने का निर्णय लिया है.
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि एलन मस्क और उनकी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी पहले से ही यूक्रेन को प्रदान की गई बड़ी आर्थिक और सुरक्षा सहायता में संभावित समस्याओं की जांच कर रहे थे, लेकिन अब इन प्रयासों में तेजी लाई जाएगी. अधिकारी ने कहा कि वे पहले से ही समस्याएं खोज रहे हैं. इसके अलावा ट्रंप यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता बंद करने पर विचार कर रहे हैं।
एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर कही ये बात
इस मीटिंग के बाद एलन मस्क ने भी इसकी जांच के संकेत दिए थे. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘यह पता लगाने का समय आ गया है कि यूक्रेन को भेजे गए सैकड़ों अरब डॉलर का वास्तव में क्या हुआ.’
मीटिंग में सामने आए मतभेद
इससे पहले बैठक के दौरान ट्रंप और जेलेंस्की के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के तरीकों पर मतभेद उभरे, जिससे बातचीत तनावपूर्ण हो गई. ट्रंप ने जेलेंस्की पर अपमानजनक व्यवहार का आरोप लगाया था, जबकि जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के वादों पर सवाल उठाए. इस विवाद के बाद ट्रंप ने बैठक को समाप्त कर दिया और जेलेंस्की से व्हाइट हाउस छोड़ने के लिए कहा गया.
जेलेंस्की ने जताया आभार
इस घटना के बाद जेलेंस्की ने अमेरिका और उसकी जनता के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि यूक्रेन न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की दिशा में काम कर रहा है. वहीं, ट्रंप ने जेलेंस्की पर ओवल ऑफिस में अमेरिका का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब वे शांति के लिए तैयार होंगे, तब वे वापस आ सकते हैं. इस विवाद के बावजूद, जर्मनी, फ्रांस और पोलैंड जैसे देशों ने यूक्रेन के प्रति अपने समर्थन की पुष्टि की है.