महाकुंभ से पहले काशी में जुटे संत, कुटुंब प्रबोधन के साथ धर्मांतरण और लव जिहाद पर किया मंथन

महाकुंभ से पहले काशी में जुटे संत, कुटुंब प्रबोधन के साथ धर्मांतरण और लव जिहाद पर किया मंथन

कुंभ 2025 को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों और संतों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. कुंभ से पहले विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की महत्वपूर्ण बैठक दो दिनों तक वाराणसी में आयोजित हुई.

बैठक तीन राज्यों के विभिन्न जिलों से आए 500 से ज्यादा संतों ने कुटुंब प्रबोधन के साथ ही धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे मुद्दे पर चिंतन किया है. इसी कड़ी में विश्व हिंदू परिषद की तरफ से अलग-अलग नौ स्थानों पर देश में इस तरह की सनातनी संतों की बैठक का आयोजन किया गया है. बैठक में कई महामंडलेश्वर, शंकराचार्य व अन्य लोगों की मौजूदगी रही.

वाराणसी में हुई संतों की बैठक

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने बताया कि कुंभ से पहले संतों की यह जुटान बेहद महत्वपूर्ण है. तीन मुख्य मुद्दे हैं. जिस पर मंथन हुआ है. सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है कुटुंब प्रबोधन है.

इसके माध्यम से सनातन परिवारों में पाश्चात्य संस्कृति रोकना, बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ना. धर्मांतरण, लव जिहाद जैसे मामले पर प्रमुखता से चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि आज के युवा गलत संगत और गलत रास्ते पर चल रहे हैं. इसके लिए कुंभ में प्लान बनाया जाएगा.

सुमेरु पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि कुटुंब प्रबोधन गंभीर विषय है. जिस तरह से सनातनी परिवार एक दूसरे से दूर हो रहे हैं. परिवारों में वैमनस्यता और भाईचारे की भावना नहीं रह गई है. वह गंभीर चिंतन का विषय है. पहले यही सारी चीज हमें एकजुट रखती थी.

आज परिवार टूट रहे हैं. जिसकी वजह से युवा भटक रहे हैं. यही वजह है कि संतों ने इस विषय को गंभीरता से लिया है और अब कुंभ में इस पर विस्तार से चर्चा होगी और सभी संत मिलकर जो भी आदेश देंगे वह सनातनियों के लिए महत्वपूर्ण होगा.

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