'संत और योगी सत्ता का गुलाम नहीं होता...', चंदौली में बोले UP के सीएम योगी आदित्यनाथ

‘संत और योगी सत्ता का गुलाम नहीं होता…’, चंदौली में बोले UP के सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को चंदौली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोई संत या योगी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता है.सीएम योगी ने कहा कि देश इसलिए गुलाम हुआ क्योंकि विदेशी आक्रांता समाज को बांटने में सफल हुए.

संत तो सारे समाज को एकजुट कर अपने पदचिह्नों पर चलने के लिए करता है. चंदौली के संत किनाराम की 425वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने बाबा किनाराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया. सीएम योगी ने कहा कि किनाराम ने अपना पूरा जीवन दलितों, निर्बल और असाध्य रोगियों की सेवा करने में खफा दिया. देश और समाज को सही दिशा ऐसा ही एक संत ही दिखा सकता है.

संत किनाराम के कार्यों का किया विश्लेषण संत किनाराम का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा, ‘अक्सर होता है कि जब किसी को सिद्धि प्राप्त होती है या कुछ भी प्राप्त होता है तो वह उसके मद में कुछ भी नहीं देखता है. बाबा (किनाराम) ने अपने साध्य का उपयोग राष्ट्र के कल्याण और लोक कल्याण के लिए किया. देश क्यों गुलाम हुआ? विदेशी आक्रांता क्यों सफल हुए? एक तरफ उन्होंने समाज को जोड़ने का काम किया, दलितों को, आदिवासियों को, वनवासियों को.. बिना किसी भेदभाव के काम किया. यह एक योगी के द्वारा ही संभव था.’

सीएम योगी ने कहा, ‘संत किनाराम ने उच्च कुलीन परिवार में जन्म लिया लेकिन उन्होंने कहा कि छुआछूत और अस्पृश्यता के भाव को त्यागना होगा.तभी ये देश सुरक्षित हो पाएगा.उन्होंने दलित, वनवासी और आदिवासी समाज के लोगों को बड़ी संख्या में अपने शिष्य के रूप स्वीकार करना शुरू किया. ‘

संत सत्ता का गुलाम नहीं होता- सीएम सीएम योगी ने कहा, ‘दूसरी तरफ उन्होंने मुगल आक्रांताओं को भी उन्होंने उस समय सबक सिखाने के लिए शाहजहां को भी डपट कर भगाने का काम किया, जो चमत्कार को देखने की प्रतीक्षा कर रहा था. उन्होंने विदेशी आक्रांताओं के जो उस समय विदेशी शासक थे, उनको फटकार लगाई थी.

ये चीजें दिखाती हैं हैं कि एक संत और एक योगी सत्ता का गुलाम नहीं होता है बल्कि वह अपने उन्हें अपने कदमों पर चलने के लिए मजबूर करता है. यहीं कार्य आज से 425 साल पहले इसी रामगढ़ गांव में जन्मे पूज्य बाबा अघोराचार्य कीनाराम महाराज ने अपनी दिव्य साधना के माध्यम से हम सबके सामने प्रस्तुत किया.

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