पश्चिम बंगाल में केजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विपक्ष भी ममता सरकार पर हमलवार है.
इसी बीच परगना के मध्यमग्राम में नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ करने का मामला सामना आया है. इस दौरान गुस्साई भीड़ ने आरोपी के घर और उसके रिश्तेदार की दुकान पर तोड़फोड़ भी की.
जानें क्या है पूरा मामला
परगना के मध्यमग्राम में नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोप को लेकर आरोपी के घर और उसके रिश्तेदार की दुकान में गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ की. इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
इसके अलावा स्थानीय टीएमसी पंचायत सदस्य के घर पर भी हमला किया गया है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पंचायत सदस्य के पति ने बिचौलिए की भूमिका निभाने की कोशिश की थी.
अमित मालवीय ने ममता सरकार पर साधा निशाना
बीजेपी के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर ममता सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,पश्चिम बंगाल में, सितंबर, 2024 का पहला दिन यौन उत्पीड़न के चार दर्ज किए गए मामलों के साथ शुरू होता है. 1. बीरभूम के लामाबाजार स्वास्थ्य केंद्र में नर्स से छेड़छाड़. जब वह नाइट ड्यूटी पर थी तो शेख अब्बासुद्दीन नाम के एक शख्स ने उसके बाद छेड़छाड़ की.
ममता बनर्जी महिलाओं के लिए काम करने की जगह को सुरक्षित बनाने के बजाय रात में काम करने के लिए नर्स को दोषी ठहराएंगी. 2.नदिया के कृष्णगंज के भजनघाट में नाबालिग से दुष्कर्म.3. मध्यमग्राम में एक टीएमसी पंचायत सदस्य ने दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग के साथ छेड़छाड़ की. 4.हावड़ा सदर अस्पताल के सीटी स्कैनर रूम में बीती रात एक लड़की के साथ यौन शोषण किया गया.
उन्होंने आगे लिखा, ‘ममता बनर्जी की वजह से पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य है. उन्होंने बलात्कार और POCSO मामलों में आरोपियों को दंडित करने के लिए कड़े नियमों को लागू करने और फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने के लिए कुछ नहीं किया है. उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.