हाल ही में गोरखपुर में आयोजित महंत दिग्विजयनाथ जी की 55वीं और महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 10वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर राजस्थान से पधारे संत जगद्गुरु रामानुजाचार्य ने एक बड़ी बात कही।
उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि आने वाले समय में योगी केवल उत्तर प्रदेश के नहीं, बल्कि पूरे देश के नेता बन सकते हैं। उन्होंने योगी के नेतृत्व कौशल की सराहना करते हुए कहा कि उनकी कार्यशैली और दृढ़ नेतृत्व ने उन्हें एक सशक्त नेता बना दिया है, और अब संत समाज की यह चाहत है कि योगी आदित्यनाथ देश का नेतृत्व करें।
संत समाज की सराहना
संत रामानुजाचार्य ने यह भी कहा कि गोरक्षपीठ ने हमेशा भारतीयता और सनातन धर्म की शिक्षा को बढ़ावा दिया है। महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ ने समाज को छुआछूत जैसी कुरीतियों से बाहर निकालकर एकता के सूत्र में बांधा। अब योगी आदित्यनाथ भी उसी परंपरा का अनुसरण करते हुए प्रदेश में एक मजबूत शासन व्यवस्था को कायम कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ का भविष्य
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य संतों ने भी योगी आदित्यनाथ की सराहना की और कहा कि वे ब्रह्मलीन महंतों की शिक्षाओं और विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं। उनका नेतृत्व आज प्रदेश को रामराज्य की दिशा में ले जा रहा है। काशी से पधारे डॉ. रामकमल दास वेदांती ने कहा कि “संत राजनीति को खुद के रंग में नहीं रंगते, बल्कि राजनीति को लोक कल्याण के रंग में रंगते हैं,” और योगी आदित्यनाथ इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण हैं।
इस प्रकार, संत रामानुजाचार्य और अन्य संतों द्वारा व्यक्त किए गए विचारों से यह स्पष्ट है कि योगी आदित्यनाथ का भविष्य केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है। उनके नेतृत्व को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बात की जा रही है, जो एक महत्वपूर्ण दिशा में इशारा करती है।