बिहार चुनाव 2025: The LogSabha पोल में एनडीए को भारी बढ़त – आरजेडी-कांग्रेस को झटका

जनता का रुझान फिर एनडीए की ओर, भाजपा बनी बढ़त का केंद्रबिंदु

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर The LogSabha Political Research Wing का ताज़ा ओपिनियन पोल जारी हुआ है। सर्वे के अनुसार, राज्य में एक बार फिर एनडीए (भाजपा-जेडीयू गठबंधन) की वापसी के प्रबल संकेत मिल रहे हैं। इस सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि जनता अब भी स्थिरता, अनुभव और नेतृत्व क्षमता को प्राथमिकता दे रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीए इस बार स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने की स्थिति में है। भाजपा और जेडीयू दोनों दलों के लिए यह सर्वे सकारात्मक जनसमर्थन का संकेत दे रहा है, जबकि महागठबंधन के लिए यह एक राजनीतिक चेतावनी जैसा है।

🔹 भाजपा 90 सीटों के पार, एनडीए को 165 तक पहुंचने की संभावना

The LogSabha सर्वे के अनुसार, भाजपा इस बार 2020 की तुलना में मजबूत स्थिति में है और वह 88 से 92 सीटों तक हासिल कर सकती है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 64 से 68 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। इस तरह एनडीए गठबंधन को कुल 158 से 165 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है — यानी आरामदायक बहुमत से ज्यादा।

सर्वे में वोट शेयर के आंकड़े भी दिलचस्प हैं — भाजपा को 23.5%, जेडीयू को 21.8%, और अन्य एनडीए सहयोगियों को लगभग 4% मत मिलने का अनुमान है। कुल मिलाकर गठबंधन को 49.3% वोट शेयर के साथ बढ़त हासिल होती दिख रही है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा-जेडीयू के बीच सीट बंटवारे की पारदर्शिता और संगठनात्मक समन्वय ने गठबंधन को स्थिरता दी है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और नीतीश कुमार की प्रशासनिक छवि इस समीकरण को और मजबूत बना रही है।

🔹 महागठबंधन की मुश्किलें गहराई, RJD का ग्राफ नीचे

विपक्षी महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वामदल) के लिए यह सर्वे चुनौतीपूर्ण तस्वीर पेश करता है। लालू यादव की राजद को इस बार 60 से 64 सीटों के बीच सिमटने का अनुमान है। कुल मिलाकर, पूरा महागठबंधन 80 से 88 सीटों के दायरे में रह सकता है, जो बहुमत से बहुत दूर है।

कांग्रेस का प्रदर्शन एक बार फिर कमजोर बताया गया है — पार्टी को केवल 6 से 8 सीटें मिलने की संभावना है। वहीं सीपीआई-एमएल और अन्य वामपंथी दलों को 7 से 9 सीटें, और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी को 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं।

The LogSabha रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में एनडीए को भारी समर्थन मिल रहा है, जबकि महागठबंधन की पकड़ मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों तक सीमित दिख रही है।

🔹 कांग्रेस को ज्यादा सीटें देना RJD के लिए उल्टा पड़ सकता है

सर्वे में यह भी बताया गया है कि यदि RJD ने कांग्रेस को अपेक्षाकृत अधिक सीटें दीं, तो इसका सीधा नुकसान उसे उठाना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस की जमीनी पकड़ कमजोर होने के बावजूद RJD द्वारा उसे “उदार सीट साझेदारी” देना एक रणनीतिक भूल साबित हो सकती है। यह स्थिति 2017 के यूपी चुनाव जैसी है, जब सपा ने कांग्रेस को 100 सीटें दीं और कांग्रेस सिर्फ 7 सीटों तक सीमित रह गई थी।

🔹 नीतीश कुमार की छवि बनी निर्णायक कारक

The LogSabha के फील्ड डेटा से संकेत मिलते हैं कि नीतीश कुमार की छवि अब भी “स्थिर शासन” और “प्रशासनिक अनुभव” की प्रतीक बनी हुई है।

सर्वे में 58% उत्तरदाताओं ने कहा कि वे “स्थिर नेतृत्व” को प्राथमिकता देंगे, जबकि 31% ने “परिवर्तन” की इच्छा जताई। यह जनमत सीधे तौर पर एनडीए की ओर झुकाव को दर्शाता है।

🔹 निष्कर्ष: एनडीए की बढ़त स्थिर, लेकिन मुकाबला दिलचस्प

The LogSabha सर्वे के अनुसार, यदि आज बिहार में मतदान हो जाए तो एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिल सकता है।
जनता का झुकाव विकास, स्थिरता और भरोसेमंद नेतृत्व की ओर है। हालांकि विपक्ष पूरी तरह बाहर नहीं है — जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे कुछ सीटों पर परिणाम प्रभावित कर सकते हैं।

कुल मिलाकर, The LogSabha Survey 2025 इस बात की पुष्टि करता है कि बिहार की राजनीतिक हवा इस समय एनडीए के पक्ष में बह रही है, और अगर यही रुझान जारी रहे, तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन की वापसी लगभग तय मानी जा सकती है।

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