सनातन धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। धार्मिक ग्रन्थों, वेदों, भगवद्गीता में भी हमें गाय की महत्ता का उल्लेख मिलता है। गाय को दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र आदि कई उपयोगी पदार्थ प्रदान करती है। गाय के दूध से बनने वाले पदार्थ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होते हैं।
गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग पिछले कई वर्षों से चल रही है। हाल ही में, काशी से इस मांग को लेकर एक अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अभियान का नेतृत्व चारों पीठों के अनंतश्री विभूषित शंकराचार्य कर रहे हैं।
अभियान का शुभारंभ:
10 जनवरी 2024 को, काशी में चारों पीठों के अनंतश्री विभूषित शंकराचार्य ने गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग को लेकर एक अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान का नाम “राष्ट्रमाता गौ मंगलम अभियानम” रखा गया है।
इस अभियान के तहत, देशभर में गाय माता के सम्मान में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में गाय माता की महिमा का गुणगान किया जाएगा और उन्हें राष्ट्रमाता का दर्जा दिए जाने की मांग की जाएगी।
अभियान के उद्देश्य:
इस अभियान के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- गाय माता के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना
- गाय माता की महत्ता को समझाना
- गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाना
अभियान के समर्थन में:
इस अभियान को देशभर से अनेक धार्मिक संगठनों और समाजसेवी संस्थाओं ने समर्थन दिया है। इन संगठनों और संस्थाओं का मानना है कि गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देना भारत की संस्कृति और गरिमा के लिए जरूरी है।
अभियान के विरोध में:
इस अभियान का कुछ लोगों ने विरोध भी किया है। इन लोगों का कहना है कि गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देना संभव नहीं है। इन लोगों का कहना है कि गाय माता एक पशु है और उसे राष्ट्रमाता का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।
अभियान का भविष्य:
अभी यह कहना मुश्किल है कि यह अभियान सफल होगा या नहीं। लेकिन, यह अभियान गाय माता के सम्मान और उनकी महत्ता को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग एक महत्वपूर्ण मांग है। इस मांग को लेकर देशभर में एक व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। इस अभियान के माध्यम से लोगों को गाय माता की महत्ता और उनकी सेवा के महत्व को समझाने का प्रयास किया जा सकता है।