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राम मंदिर की तर्ज पर जब तक ज्ञानवापी मुक्त नहीं हो जाता, नहीं ग्रहण करूंगा अन्न, स्वामी जितेंद्रानंद का ऐलान

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की मांग तेज हो गई है। इस मांग को लेकर देशभर में कई आंदोलन चल रहे हैं। इसी बीच, अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि जब तक ज्ञानवापी मस्जिद को हटाकर वहां श्रीकृष्ण मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।

स्वामी जितेंद्रानंद का ऐलान:

स्वामी जितेंद्रानंद ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह एक दंडी स्वामी हैं और यह उनका व्यक्तिगत फैसला है। उन्होंने कहा कि वह राम मंदिर की तर्ज पर ही ज्ञानवापी मस्जिद को हटाकर श्रीकृष्ण मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक मंदिर निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।

ज्ञानवापी मस्जिद पर विवाद:

ज्ञानवापी मस्जिद पर विवाद कई वर्षों से चल रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद एक प्राचीन मंदिर पर बनाई गई है। इस दावे को लेकर 1991 में एक मुकदमा दायर किया गया था। इस मामले में हाल ही में अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था। सर्वेक्षण में हिंदू पक्ष के दावों को पुष्ट करने वाले कई सबूत मिले हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद पर आंदोलन:

ज्ञानवापी मस्जिद पर विवाद के बाद देशभर में कई जगहों पर आंदोलन शुरू हो गए हैं। हिंदू पक्ष के लोग मांग कर रहे हैं कि मस्जिद को हटाकर वहां श्रीकृष्ण मंदिर का निर्माण किया जाए।

स्वामी जितेंद्रानंद का ऐलान का असर:

स्वामी जितेंद्रानंद के ऐलान का देशभर में बड़ा असर पड़ा है। हिंदू पक्ष के लोगों ने उनका समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि स्वामी जितेंद्रानंद का यह ऐलान ज्ञानवापी मस्जिद पर आंदोलन को और तेज करेगा।

निष्कर्ष:

स्वामी जितेंद्रानंद का ऐलान एक महत्वपूर्ण घटना है। यह ऐलान देश की राजनीति और धर्म पर भी असर डाल सकता है। यह देखना होगा कि स्वामी जितेंद्रानंद का यह ऐलान ज्ञानवापी मस्जिद पर आंदोलन को किस दिशा में ले जाता है।

अतिरिक्त जानकारी:

स्वामी जितेंद्रानंद एक प्रसिद्ध संत हैं। वे कई वर्षों से हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। वे राम मंदिर निर्माण के लिए भी आंदोलन कर रहे थे।

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