बिहार के सियासी गलियारों में इन दिनों हलचल मची हुई है। पिछले 50 दिनों में यहां के सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। 26 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही बिहार में सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया था।
बैठक और बयान
अमित शाह से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने 23 जनवरी को जनता दल यूनाइटेड (JDU) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में नीतीश कुमार ने JDU के सभी सांसदों और विधायकों से कहा था कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जनता से संपर्क करें। उन्होंने कहा था कि आने वाले लोकसभा चुनाव में JDU को मजबूत स्थिति में लाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
नीतीश कुमार के इस बयान के बाद से ही यह माना जाने लगा था कि वे NDA में वापसी करने के लिए तैयार हैं। इस बात की पुष्टि 27 जनवरी को हुई। नीतीश कुमार ने इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि वे NDA में वापस आ रहे हैं।
परिवर्तन के पांव
नीतीश कुमार की NDA में वापसी से बिहार के सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। पिछले 20 महीनों से बिहार में महागठबंधन की सरकार चल रही थी। इस सरकार में JDU, RJD और कांग्रेस शामिल थे। नीतीश कुमार की वापसी से अब NDA के पास बिहार में पूर्ण बहुमत हो गया है।
नीतीश कुमार की वापसी से बिहार में होने वाले लोकसभा चुनाव में NDA को काफी फायदा होने की संभावना है। NDA के पास पहले से ही बिहार में अच्छी स्थिति थी। नीतीश कुमार की वापसी से NDA के वोट बैंक में और भी वृद्धि होने की संभावना है।
नीतीश कुमार की वापसी से RJD को काफी नुकसान होने की संभावना है। RJD पहले से ही बिहार में विपक्ष में है। नीतीश कुमार की वापसी से RJD की स्थिति और भी कमजोर हो जाएगी।
नीतीश कुमार की वापसी से बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार में क्या होता है।