मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार में विभागों का बंटवारा हो गया है। मुख्यमंत्री ने अपने पास जनसंपर्क, वित्त, वाणिज्य कर, जेल, सामान्य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास, विमानन, खनिज साधन, लोक सेवा प्रबंधन, प्रवासी भारतीय विभाग रखे हैं।
उप मुख्यमंत्री
- जगदीश देवड़ा – गृह, वित्त, वाणिज्य कर, उद्योग, ऊर्जा, लोक निर्माण विभाग, श्रम, रोजगार विभाग, नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग, संसदीय कार्य विभाग
- राजेंद्र शुक्ला – लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, कृषि, पशुपालन, मत्स्य, सहकारिता, ग्रामीण विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग
मंत्री | विभाग |
मुख्यमंत्री | जनसंपर्क, वित्त, वाणिज्य कर, जेल, सामान्य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास, विमानन, खनिज साधन, लोक सेवा प्रबंधन, प्रवासी भारतीय |
उप मुख्यमंत्री (1) | गृह, वित्त, वाणिज्य कर, उद्योग, ऊर्जा, लोक निर्माण विभाग, श्रम, रोजगार विभाग, नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग, संसदीय कार्य विभाग |
उप मुख्यमंत्री (2) | लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, कृषि, पशुपालन, मत्स्य, सहकारिता, ग्रामीण विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, खेल एवं युवा कल्याण |
कैबिनेट मंत्री | स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना एवं जनसंपर्क |
कैबिनेट मंत्री | जल संसाधन, पर्यावरण, वन, आबकारी |
कैबिनेट मंत्री | कृषि विपणन, कृषि अभियांत्रिकी, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान, कृषि विकास एवं किसान कल्याण |
कैबिनेट मंत्री | राजस्व, चकबंदी, भूमि सुधार, भू-अभिलेख, भूमि संरक्षण |
कैबिनेट मंत्री | खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नागरिक आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा एवं मानकीकरण, खाद्य प्रसंस्करण |
कैबिनेट मंत्री | परिवहन, सड़क, राजमार्ग, पुल एवं पुलिया, लोक निर्माण |
कैबिनेट मंत्री | पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ग्रामीण विकास, ग्रामीण जल संसाधन |
कैबिनेट मंत्री | नगरीय प्रशासन एवं आवास, संसदीय कार्य |
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) | महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय एवं निषाद कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण |
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) | पर्यटन, खेल एवं युवा कल्याण |
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) | परिवहन, सड़क, राजमार्ग, पुल एवं पुलिया, लोक निर्माण |
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) | वन, आबकारी |
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) | कृषि विपणन, कृषि अभियांत्रिकी, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान, कृषि विकास एवं किसान कल्याण |
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) | जल संसाधन, पर्यावरण, वन, आबकारी |
राज्य मंत्री | महिला एवं बाल विकास विभाग |
राज्य मंत्री | सामाजिक न्याय एवं निषाद कल्याण विभाग |
राज्य मंत्री | अल्पसंख्यक कल्याण विभाग |
राज्य मंत्री | सहकारिता विभाग |
कैबिनेट मंत्री
- प्रदुम्न सिंह तोमर – स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग
- तुलसी सिलावट – जल संसाधन, पर्यावरण, वन, आबकारी विभाग
- एदल सिंह कसाना – कृषि विपणन, कृषि अभियांत्रिकी, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान, कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग
- नारायण सिंह कुशवाहा – राजस्व, चकबंदी, भूमि सुधार, भू-अभिलेख, भूमि संरक्षण विभाग
- विजय शाह – खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नागरिक आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा एवं मानकीकरण, खाद्य प्रसंस्करण विभाग
- राकेश सिंह – परिवहन, सड़क, राजमार्ग, पुल एवं पुलिया, लोक निर्माण विभाग
- प्रह्लाद पटेल – पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ग्रामीण विकास, ग्रामीण जल संसाधन विभाग
- कैलाश विजयवर्गीय – नगरीय प्रशासन एवं आवास, संसदीय कार्य विभाग
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
- कृष्णा गौर – महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय एवं निषाद कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
- धर्मेंद्र लोधी – पर्यटन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग
- दिलीप जायसवाल – परिवहन, सड़क, राजमार्ग, पुल एवं पुलिया, लोक निर्माण विभाग
- गौतम टेटवाल – वन, आबकारी विभाग
- लेखन पटेल – कृषि विपणन, कृषि अभियांत्रिकी, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान, कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग
- नारायण पवार – जल संसाधन, पर्यावरण, वन, आबकारी विभाग
राज्य मंत्री
- राधा सिंह – महिला एवं बाल विकास विभाग
- प्रतिमा बागरी – सामाजिक न्याय एवं निषाद कल्याण विभाग
- दिलीप अहिरवार – अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
- नरेन्द्र शिवाजी पटेल – सहकारिता विभाग
विभागों के बंटवारे पर टिप्पणी
विभागों के बंटवारे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। कुछ लोगों का मानना है कि यह बंटवारा मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार के लिए फायदेमंद होगा, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि यह बंटवारा सरकार के लिए नुकसानदायक होगा।
फायदे
- विभागों के बंटवारे से सरकार के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी।
- विभागों के बंटवारे से मंत्रियों को अपने विभागों में बेहतर काम करने का अवसर मिलेगा।
- विभागों के बंटवारे से सरकार के विकास कार्यों में तेजी आएगी।
मध्य प्रदेश में विभागों के बंटवारे का महत्व निम्नलिखित है:
- सरकार के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी। जब एक मंत्री के पास कई विभाग होते हैं, तो उसे अपने सभी विभागों पर ध्यान देना मुश्किल होता है। इससे सरकार के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी आ सकती है। विभागों के बंटवारे से प्रत्येक मंत्री को अपने विभाग के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार बनाया जा सकता है। इससे सरकार के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी।
- मंत्रियों को अपने विभागों में बेहतर काम करने का अवसर मिलेगा। जब एक मंत्री के पास कई विभाग होते हैं, तो उसे अपने सभी विभागों को समान रूप से समय नहीं दे पाता है। इससे वह अपने किसी भी विभाग में बेहतर काम करने में असमर्थ हो सकता है। विभागों के बंटवारे से प्रत्येक मंत्री को अपने विभाग में पूरी तरह से ध्यान देने का अवसर मिलेगा। इससे मंत्रियों को अपने विभागों में बेहतर काम करने का अवसर मिलेगा।
- सरकार के विकास कार्यों में तेजी आएगी। जब एक मंत्री के पास कई विभाग होते हैं, तो उसे अपने सभी विभागों के विकास कार्यों पर ध्यान देना मुश्किल होता है। इससे सरकार के विकास कार्यों में देरी हो सकती है। विभागों के बंटवारे से प्रत्येक मंत्री को अपने विभाग के विकास कार्यों पर पूरी तरह से ध्यान देने का अवसर मिलेगा। इससे सरकार के विकास कार्यों में तेजी आएगी।
विभागों के बंटवारे के कुछ संभावित नुकसान
विभागों के बंटवारे के कुछ संभावित नुकसान निम्नलिखित हैं:
- मंत्रियों के बीच अधिकारों की जंग हो सकती है। जब दो या दो से अधिक मंत्रियों को एक ही क्षेत्र से संबंधित विभाग दिए जाते हैं, तो उनके बीच अधिकारों की जंग हो सकती है। इससे सरकार के कामकाज में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
- सरकार के बजट पर बोझ पड़ सकता है। जब विभागों का बंटवारा किया जाता है, तो प्रत्येक विभाग के लिए अलग-अलग बजट की आवश्यकता होती है। इससे सरकार के बजट पर बोझ पड़ सकता है।
- सरकार के कामकाज में देरी हो सकती है। जब विभागों का बंटवारा किया जाता है, तो प्रत्येक विभाग के लिए नए अधिकारियों की नियुक्ति और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इससे सरकार के कामकाज में देरी हो सकती है।
मध्य प्रदेश में विभागों के बंटवारे का महत्व और नुकसान दोनों हैं। विभागों के बंटवारे से सरकार के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी, और मंत्रियों को अपने विभागों में बेहतर काम करने का अवसर मिलेगा। हालांकि, विभागों के बंटवारे से मंत्रियों के बीच अधिकारों की जंग, सरकार के बजट पर बोझ और सरकार के कामकाज में देरी जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। कुल मिलाकर, विभागों के बंटवारे का असर आने वाले समय में ही पता चलेगा।