छिंदवाड़ा जिले में धर्मांतरण का आरोप लगाकर हिंदू संगठनों के हंगामे से सनसनी फैल गई है। 2 मार्च 2024 को शहर के एक होटल में आयोजित एक मीटिंग को लेकर यह विवाद खड़ा हुआ है।
आरोप क्या है?
स्थानीय लोगों के मुताबिक, कुछ बाहरी लोगों द्वारा होटल में एक धार्मिक सभा का आयोजन किया गया था। आरोप है कि इस सभा में आदिवासी समुदाय सहित अन्य लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था।
हिंदू संगठनों का गुस्सा:
इस सभा की सूचना मिलते ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। उनका आरोप है कि यह “धर्मांतरण का खुला प्रयास” था। उन्होंने होटल में जमकर हंगामा किया और मीटिंग को रोक दिया।
पुलिस का रुख:
हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने होटल के कर्मचारियों और मीटिंग में शामिल लोगों से पूछताछ की जा रही है।
क्या है मांग?
हिंदू संगठनों ने पुलिस से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि धर्मांतरण के ऐसे प्रयासों को रोका जाना चाहिए और इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
संवेदनशील मुद्दा:
धर्मांतरण का विषय भारत में अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है। इसे लेकर आए दिन विवाद और तनाव की स्थिति बनती रहती है। छिंदवाड़ा की यह घटना एक बार फिर धार्मिक स्वतंत्रता और धर्मांतरण पर बहस छेड़ सकती है।
जांच जारी, सवालों के घेरे में सभा का मकसद:
फिलहाल, पुलिस जांच जारी है और अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सभा का असली मकसद क्या था। क्या वाकई में धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा था, यह जांच का विषय है। इस घटनाक्रम से यह बात भी सामने आई है कि जिले में पहले भी धर्मांतरण को लेकर शिकायतें सामने आ चुकी हैं। ऐसे में पुलिस की जांच निष्पक्ष हो और सार्वजनिक शांति बनाए रखना प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई है।