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असम के शिवाजी, मुगलों को धूल चटाने वाले योद्धा… कौन थे लाचित बरफूकन जिनकी प्रतिमा का अनावरण करेंगे पीएम मोदी?

असम के शिवाजी, मुगलों को धूल चटाने वाले योद्धा… कौन थे लाचित बरफूकन जिनकी प्रतिमा का अनावरण करेंगे पीएम मोदी?

असम के वीर लाचित बरफूकन एक ऐसे योद्धा थे, जिन्होंने अपनी वीरता और रणनीति से अहोम साम्राज्य को मुगलों के आक्रमण से बचाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी 125 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। यह प्रतिमा असम के गौरवशाली इतिहास और लाचित बरफूकन के अप्रतिम योगदान को सम्मानित करती है।

वीर लाचित बरफूकन का प्रारंभिक जीवन

लाचित बरफूकन का जन्म 1622 में हुआ था। उनके पिता मोहन बरफूकन अहोम साम्राज्य के एक उच्च पदस्थ सैनिक अधिकारी थे। लाचित बचपन से ही युद्ध कौशल और रणनीति में रुचि रखते थे। उन्होंने युद्धाभ्यास और शस्त्र संचालन में पारंगतता हासिल की।

सराईघाट का ऐतिहासिक युद्ध

1671 में मुगल बादशाह औरंगजेब ने असम पर आक्रमण किया। मुगल सेना विशाल थी और उनके पास आधुनिक हथियार थे। लाचित बरफूकन को सेनापति के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने मुगलों को रोकने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे सराईघाट में मोर्चा संभाला।

बरफूकन की रणनीति और युद्ध का निर्णायक मोड़

सराईघाट का युद्ध भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण युद्धों में से एक है। लाचित बरफूकन ने मुगलों को रोकने के लिए एक अनोखी रणनीति अपनाई। उन्होंने नदी के किनारे बांस और नारियल के तनों से एक प्रकार का तैरता हुआ किला बनाया। इससे मुगलों के जहाजों को नदी में आने जाने में दिक्कत हुई।

युद्ध के दौरान लाचित बरफूकन बीमार पड़ गए। लेकिन जब उन्होंने देखा कि उनकी सेना कमजोर पड़ रही है, तो उन्होंने बीमारी की परवाह किए बिना स्वयं कमान संभाली। उनके नेतृत्व में अहोम सेना ने मुगलों को परास्त कर दिया। यह युद्ध का निर्णायक मोड़ साबित हुआ।

मुगलों की पराजय और असम की रक्षा

सराईघाट के युद्ध में मुगलों को करारी हार मिली। उनकी सेना को भारी नुकसान हुआ। इस विजय के बाद मुगलों ने कभी भी असम पर आक्रमण करने का साहस नहीं किया। लाचित बरफूकन की वीरता और रणनीति की वजह से असम मुगलों के शासन से बच गया।

असम का शिवाजी

लाचित बरफूकन को असम का शिवाजी कहा जाता है। उसी तरह जैसे शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की स्थापना कर दक्खन क्षेत्र को मुगलों से बचाया था, वैसे ही लाचित बरफूकन ने अहोम साम्राज्य की रक्षा कर असम को मुगल आक्रमणों से मुक्त कराया।

लाचित बरफूकन की विरासत

लाचित बरफूकन की वीरता और साहस सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी प्रतिमा का अनावरण भारतीय इतिहास के इस महान योद्धा को सम्मानित करने का एक प्रयास है। लाचित बरफूकन की विरासत आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और वीरता का पाठ पढ़ाती रहेगी।

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