राम मंदिर निर्माण, आर्टिकल 370, तीन तलाक…भाजपा ने दिखाया असंभव भी संभव, विपक्ष के पास क्या है काट?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मुद्दों को अपने पक्ष में किया है, जिन्हें पहले असंभव माना जाता था। इनमें राम मंदिर निर्माण, जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाना और तीन तलाक का खत्म करना शामिल है। इन मुद्दों को लेकर भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति को सफलतापूर्वक लागू किया है और इनसे उसे हिंदू वोट बैंक में मजबूती मिली है।

राम मंदिर निर्माण

राम मंदिर निर्माण भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा रहा है। पार्टी ने लंबे समय से इस मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता जताई थी और आखिरकार उसे इस पर सफलता मिली। 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया और इसके बाद मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ। यह फैसला भाजपा के लिए एक बड़ा चुनावी लाभ साबित हुआ और उसने इसे अपने समर्थकों को दिए गए एक वादे को पूरा करने के रूप में प्रचारित किया।

जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाना

जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने का फैसला भी भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा रहा है। पार्टी ने लंबे समय से इस मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता जताई थी और आखिरकार उसे इस पर भी सफलता मिली। 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया। यह फैसला भाजपा के लिए एक बड़ा चुनावी लाभ साबित हुआ और उसने इसे आतंकवाद से मुक्ति और जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रचारित किया।

तीन तलाक का खत्म करना

तीन तलाक का खत्म करना भी भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा रहा है। पार्टी ने लंबे समय से इस मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता जताई थी और आखिरकार उसे इस पर भी सफलता मिली। 2020 में मोदी सरकार ने तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित कर दिया। यह फैसला भाजपा के लिए एक बड़ा चुनावी लाभ साबित हुआ और उसने इसे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रचारित किया।

इन तीनों मुद्दों पर भाजपा की सफलता ने उसे हिंदू वोट बैंक में मजबूती दी है। इन मुद्दों पर भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति को सफलतापूर्वक लागू किया है और इनसे उसे 2024 के चुनावों में भी लाभ मिलने की उम्मीद है।

विपक्ष के लिए चुनौती

इन मुद्दों पर भाजपा की सफलता विपक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती है। विपक्ष को इन मुद्दों पर भाजपा से मुकाबला करने के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार करने की जरूरत है। विपक्ष को इन मुद्दों पर अपनी स्पष्ट स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और जनता को यह समझाना चाहिए कि वह इन मुद्दों पर भाजपा से बेहतर क्या कर सकता है।

विपक्ष के लिए एक अन्य चुनौती यह है कि उसे इन मुद्दों पर एकजुट होना होगा। विपक्ष के विभिन्न दलों के बीच इन मुद्दों पर मतभेद हैं और अगर विपक्ष एकजुट नहीं हो पाया तो उसे भाजपा से मुकाबला करना मुश्किल होगा।

यदि विपक्ष इन मुद्दों पर भाजपा से मुकाबला करने में सफल होता है तो उसे 2024 के चुनावों में भाजपा को चुनौती देने में सफलता मिल सकती है।

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