रोहित वेमुला दलित नहीं था.... तेलंगाना पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट में सभी को दी क्लीन चिट, जानें क्या कहा?

रोहित वेमुला दलित नहीं था…. तेलंगाना पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट में सभी को दी क्लीन चिट, जानें क्या कहा?

Rohith Vemula Case Closure Report: तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला की जनवरी 2016 में हुई मौत के मामले में अपनी जांच बंद कर दी है.

पुलिस ने दावा किया है कि वह दलित नहीं थे और उन्हें इस बात की डर था कि उनकी असली जाति पहचान हो जाएगी इसलिए उन्होंने सुसाइड कर ली. रोहित वेमुला मामले की जांच पिछली सरकार में पूरी हुई थी. इस मामले में साइबराबाद पुलिस ने मार्च 2024 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी.

क्लोजर रिपोर्ट के साथ ही बरी हो गए सभी आरोपी

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के साथ ही पुलिस ने आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया है. आरोपियों में सिकंदराबाद के तत्कालीन सांसद बंडारू दत्तात्रेय, एमएलसी एन रामचंदर राव और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी साथ ही हैदराबाद यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलपति पी अप्पा राव भी का नाम था.

हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन ने रोहित वेमुला मौत मामले पर तेलंगाना पुलिस की रिपोर्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. 2016 में पुलिस ने सबसे पहले आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 के तहत केस दर्ज किया था. बाद में पुलिस ने एससी और एसटी की धाराएं भी जोड़ दी थी.

रोहित वेमुला के भाई राजा वेमुला ने कहा, “पुलिस के क्लोजर रिपोर्ट से परिवार सदमें में है. तेलंगाना पुलिस की जिम्मेदारी यह जांच करना था कि क्या मेरे भाई को इस हद तक परेशान किया गया था कि उसने अपनी जान ले ली. इसके बजाय वे फिर से उसकी जाति की बात करन लगे. हम इस केस को फिर से खोलने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से संपर्क करेंगे, जिन्होंने पहले भी हमें सपोर्ट किया था.”

रोहित की मां राधिका वेमुला ने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि हम एससी माला समुदाय से हैं और हमारा पालन-पोषण एक ओबीसी परिवार में हुआ है. इसमें कोई विवाद नहीं है कि हम अनुसूचित जाति से हैं. हम एक और लड़ाई के लिए तैयार हैं.”

क्लोजर रिपोर्ट में पुलिस ने क्या कहा?

तेलंगाना हाई कोर्ट में शुक्रवार को राज्य की पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दायर की. इस रिपोर्ट में कहा गया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि रोहित की आत्महत्या के लिए कोई जिम्मेदार था. इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि रोहित बेमूला की ओर से दिए गए जाति प्रमाण पत्र जाली थे और वह एससी वर्ग से संबंधित नहीं थे.

पुलिस के रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि रोहित को डर था कि उसकी असली जाति का खुलासा हो जाएगा और इससे उसकी शैक्षणिक उपलब्धियां खत्म हो जाएगी, जिससे पता चलता है कि यही वजह उसकी आत्महत्या का कारण बनी.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top