Sandeshkhali Violence: पटनासाहिब से बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि सीएम ममता का जमीर मर चुका है और वह इस मामले में कुछ छुपाना चाहती हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, “संदेशखाली का मामला बेहद गंभीर है। हमारे समाज के लिए यह घटना बेहद शर्मनाक है। सीएम ममता अभी भी इस मसले को बचाने के प्रयास कर रही हैं। वह क्या छुपाना चाहती हैं? ममता दीदी ऐसा क्यों कर रही हैं। उनका जमीर मर चुका है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह घटना पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की बदहाली को उजागर करती है। टीएमसी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से असंवेदनशील है।”
रविशंकर प्रसाद ने सीएम ममता बनर्जी से मांग की कि वह इस मामले में तत्काल कार्रवाई करें और पीड़ितों को न्याय दिलाएं। उन्होंने कहा, “सीएम ममता को इस मामले में CBI जांच का आदेश देना चाहिए।”
इसके अलावा, उन्होंने कहा, “यह घटना देश के लिए एक चिंता का विषय है। हमें महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी।”
यह घटना 9 फरवरी को हुई थी, जब कथित तौर पर कुछ लोगों ने एक महिला और उसकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस घटना के बाद राज्य में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे।
टीएमसी ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र है।
यह मामला अभी भी जांच के अधीन है।
अतिरिक्त जानकारी:
- रविशंकर प्रसाद ने दावा किया है कि सीएम ममता बनर्जी इस मामले में कुछ छुपाना चाहती हैं। उन्होंने सीएम ममता से CBI जांच का आदेश देने की मांग की है।
- टीएमसी ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र है।
- यह मामला अभी भी जांच के अधीन है और अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया है।
विभिन्न राजनीतिक दलों और मीडिया संगठनों ने इस घटना को लेकर अलग-अलग राय व्यक्त की है। यह महत्वपूर्ण है कि आप इस मामले पर विभिन्न दृष्टिकोणों से अवगत रहें और अपनी राय बनाने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करें।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह एक संवेदनशील मामला है और पीड़ितों की गोपनीयता का सम्मान किया जाना चाहिए।
इस मामले पर कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:
- पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि टीएमसी के कुछ नेता इस घटना में शामिल थे।
- पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक SIT का गठन किया है।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से इस मामले पर एक रिपोर्ट मांगी है।