उन्नाव। मुस्लिम बाहुल्य बीघापुर के गांव रानीपुर में मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर दो समुदाय के बीच पिछले 15 दिन से बनी तनाव की स्थिति अब तूल पकड़ रही है। विवाद को रोकने के लिए पुलिस ने दोनों पक्षों के 30 लोगों को पाबंद भी किया है। रविवार को हिंदू संगठन के लोग गांव पहुंचे और मंदिर के जीर्णोद्धार की बात कही।
नाक्षेत्र के रानीपुर गांव में एक वर्ग के कुछ लोग 70 साल पुराने हिंदुओं के आस्था के प्रतीक अर्धनिर्मित शिव मंदिर पर स्लैब डालने का विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर एक पखवाड़े से दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने हैं। जिला प्रशासन ने भी फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। मालूम हो कि करीब 15 दिन पहले इसी गांव की शिवदेवी ने मन्नत पूरी होने पर अर्धनिर्मित शिवमंदिर पर स्लैब डलवाने के लिए निर्माण सामग्री मंगवाई थी। लेकिन निर्माण शुरू होने से पहले ही गांव के मुस्लिम समाज के लोगों ने विरोध किया।
उनका तर्क है कि करीब 100 मीटर की दूरी पर मस्जिद है। जहां मंदिर बनाने की बात कही जा रही है वहां आसपास मुस्लिम बस्ती भी है। नमाज, रमजान व अन्य अवसरों पर होने वाले कार्यक्रम के दौरान पूजा, पाठ को लेकर दोनों पक्षों को ही एतराज होगा। इससे दोनों पक्षों में तनाव और आपसी दूरियां बढ़ेंगी। दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे पर आरोप भी लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर मंदिर बनाने से रोकने को लेकर लोग टिप्पणी कर रहे हैं।
सोमवार को नरसेवा नारायण सेवा के संस्थापक विमल द्विवेदी, हिंदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष अजय त्रिवेदी कई कार्यकर्ताओं के साथ सोमवार को गांव पहुंचे और प्रकरण की जानकारी ली। विमल द्विवेदी ने कहा कि हिंदुओं पर दबाया जा रहा है। मंदिर और मस्जिद गांव की आबादी की जमीन में बने हैं।
मंदिर करीब 70 साल पुराना है, मस्जिद बाद में बनवाई गई है। हिंदू संगठन के लोगों के पहुंचने की सूचना पर सीओ बीघापुर ऋषिकांत शुक्ला, थानाध्यक्ष राजपाल भी फोर्स के साथ पहुंचे और जल्द ही हल निकालने का आश्वासन दिया।
सीओ ने बताया कि शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए दोनों पत्र के 30 लोगों को पाबंद किया गया है। अगर प्रशासन से चबूतरे पर छत बनाने की अनुमति मिलती है तभी निर्माण होने दिया जाएगा। अनुमति न होने तक किसी प्रकार का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।