उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (UCC) बिल पेश किया गया। कानून मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में बिल पेश करते हुए कहा कि यह सभी नागरिकों के लिए समान कानून सुनिश्चित करेगा।
बिल पेश होते ही भाजपा सदस्यों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। विपक्षी दलों ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह राज्य की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ है।
बिल में क्या है?
UCC बिल में शादी, तलाक, उत्तराधिकार और अन्य व्यक्तिगत मामलों से संबंधित कानूनों को एक समान बनाने का प्रस्ताव है। यह सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करेगा, चाहे उनकी जाति, धर्म या समुदाय कुछ भी हो।
विपक्ष का क्या कहना है?
विपक्षी दलों का कहना है कि UCC बिल राज्य की विविधता को खत्म कर देगा। उन्होंने कहा कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है और इससे उनकी महिलाओं के अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
अब क्या होगा?
UCC बिल को विधानसभा की एक समिति को भेजा जाएगा। समिति बिल पर विचार करेगी और अपनी रिपोर्ट सदन को सौंपेगी। रिपोर्ट पर सदन में चर्चा होगी और उसके बाद बिल पर मतदान होगा।
UCC बिल के पक्ष में तर्क:
- यह सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करेगा।
- यह लैंगिक समानता को बढ़ावा देगा।
- यह धार्मिक भेदभाव को खत्म करेगा।
- यह कानूनी प्रणाली को सरल बनाएगा।
UCC बिल के खिलाफ तर्क:
- यह राज्य की विविधता को खत्म कर देगा।
- यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है।
- यह महिलाओं के अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
UCC बिल पर बहस जारी है और यह देखना बाकी है कि यह बिल विधानसभा में पारित होता है या नहीं।