सर्वे में यूपी के आंकड़े कर देंगे आपको हैरान, जानिए आज हुए चुनाव तो क्या है अनुमान, BJP का ऐसा है हाल

सर्वे में यूपी के आंकड़े कर देंगे आपको हैरान, जानिए आज हुए चुनाव तो क्या है अनुमान, BJP का ऐसा है हाल

उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य, जहां राजनीति एक सांस, एक धड़कन की तरह चलती है. यहां चुनाव कोई महीनों-सालों का मेला नहीं, बल्कि जीवन का निरंतर बहता सिलसिला है. 2024 के लोकसभा चुनाव अब धीरे-धीरे ही सही, पर दृष्टिपथ पर आ रहे हैं और ऐसे में उत्तर प्रदेश एक बार फिर सबकी निगाहें अपनी ओर खींच रहा है. इस विशाल राजनीतिक मैदान में कौन खड़ा होगा, किसका परचम लहराएगा, इसका अनुमान लगाना ज्योतिष से कम नहीं!

लेकिन समय-समय पर विभिन्न सर्वेक्षण आने वाले कल की तस्वीर दिखाने का प्रयास करते हैं. ऐसे ही एक ताजा सर्वेक्षण ‘Times Now’ द्वारा किया गया है, जिसके नतीजे आपके होश उड़ा सकते हैं. क्या आज लोकसभा चुनाव हो जाएं, तो उत्तर प्रदेश में राजनीतिक नक्शा कैसा होगा? किसकी झोली में कितनी सीटें गिरेंगी? आइए, सर्वेक्षण के झरोखे से झांककर देखें आने वाले कल का संभावित राजनीतिक रंगमंच…

एक राज्य, अनेक समीकरण:

उत्तर प्रदेश राजनीति कभी भी सीधी-सादी नहीं रही. जाति, धर्म, क्षेत्र, विकास, कल्याणकारी योजनाएं, नेतृत्व क्षमता – ये सभी कारक यहाँ चुनावों को प्रभावित करते हैं.

भाजपा 2017 से सत्ता पर काबिज है और 2022 में विधानसभा चुनावों में भी जीत हासिल की. लेकिन विपक्ष भी खामोश नहीं बैठा है. सपा-राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन और बसपा अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं. ऐसे में सर्वेक्षण के आंकड़े और भी रोचक हो जाते हैं.

सर्वेक्षण की सनसनीखेज भविष्यवाणी:

‘Times Now’ के सर्वेक्षण के मुताबिक, अगर आज यूपी में चुनाव हो जाएं, तो भाजपा गठबंधन 70-75 सीटें जीत सकता है. यह आंकड़ा काफी चौंकाने वाला है, खासकर यह जानते हुए कि 2019 में लोकसभा चुनावों में भाजपा को 62 सीटें मिली थीं. सर्वेक्षण विपक्ष के लिए चिंता का विषय है. सपा-राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन को 5-10 सीटें, बसपा को 0-2 सीटें और कांग्रेस को भी 0-2 सीटें ही मिलने का अनुमान है.

भाजपा के पलड़े में क्या?

सर्वेक्षण भाजपा की मजबूत स्थिति को दर्शाता है, जिसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं.

  • मोदी का करिश्मा: प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता यूपी में अब भी बरकरार है.
  • कल्याणकारी योजनाएं: उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का लोगों पर सकारात्मक प्रभाव है।
  • विकास कार्यों का दावा: योगी सरकार अपने कामकाज, खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के दावों को जनता तक पहुंचा रही है।
  • संगठन की मजबूती: भाजपा का जमीनी स्तर पर मजबूत संगठन एक बड़ा कारक है।

विपक्ष की चुनौतियां:

सर्वेक्षण विपक्ष की कमजोरियों को भी उजागर करता है.

  • नेतृत्व का अभाव: सपा और बसपा में मजबूत नेतृत्व का अभाव एक माइनस पॉइंट है।
  • एकजुटता की कमी: विपक्षी दलों में एकजुट मोर्चा न बन पाना उनकी कमजोरी है।
  • जातिगत समीकरण: भाजपा ने जातिगत समीकरणों को बखूबी साधा है, जिससे विपक्ष को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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