Author name: संदीप (शिवा) | संस्थापक – लोगसभा

ललितादित्य मुक्तापीड: वह भुला दिया गया सम्राट जिसने कश्मीर को एशिया का केंद्र बनाया

भारतीय इतिहास के विशाल गलियारों में कुछ राजा ऐसे भी हैं जिनकी गूंज कभी सिंह की दहाड़ जैसी सुनाई दी, लेकिन समय के साथ वह आवाज़ इतिहास के पन्नों में खो गई। इन्हीं में से एक नाम है ललितादित्य मुक्तापीड़ — कर्कोट वंश का वह राजा (724–760 ईस्वी के बीच) जिसने अपनी शक्ति, दूरदर्शिता और […]

ललितादित्य मुक्तापीड: वह भुला दिया गया सम्राट जिसने कश्मीर को एशिया का केंद्र बनाया Read More »

जब सत्ता सड़क रोक देती है: वीआईपी संस्कृति में आम आदमी का संघर्ष

सुबह के 9 बजकर 15 मिनट, जगह — देहरादून। शिवालिक पहाड़ियों की गोद में बसा यह शहर, जो सामान्य दिनों में स्कूल बसों की आवाज़ों, ठेलों की पुकार और स्कूटरों की रफ्तार से जीता है, आज ठहरा हुआ है। सड़कें बंद हैं, बैरिकेड धूप में चमक रहे हैं, पुलिसकर्मी आदेश दे रहे हैं, हॉर्नों की

जब सत्ता सड़क रोक देती है: वीआईपी संस्कृति में आम आदमी का संघर्ष Read More »

आत्मनिर्भर भारत की ताकत: Sarkari.Finance और सेमीकंडक्टर क्रांति

तकनीक की धड़कन- कैसे सेमीकंडक्टर आधुनिक दुनिया को गति देते हैं हम रोज़ जिस दुनिया को सामान्य मानकर जीते हैं—हर क्लिक, हर कॉल, हर कार की सवारी, हर क्लाउड अपलोड—वह किसी बोर्डरूम या ऐप से नहीं शुरू होती। इसकी शुरुआत होती है एक बिल्कुल शांत, बेहद स्वच्छ फैक्ट्री से, जहाँ धूल का एक कण भी

आत्मनिर्भर भारत की ताकत: Sarkari.Finance और सेमीकंडक्टर क्रांति Read More »

सद्दाम — अरब का ‘हिंदू-राष्ट्रवादी’ तानाशाह

दक्षिण ब्लॉक में वह गर्म दोपहर (1974) मार्च 1974 की एक तपती दोपहर थी। युवा और आत्मविश्वासी सद्दाम हुसैन — जो उस समय इराक़ का राष्ट्रपति नहीं, पर सत्ता का असली केंद्र बन चुका था — नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिलने पहुँचा। ख़ाकी सैन्य वर्दी, सलीके से

सद्दाम — अरब का ‘हिंदू-राष्ट्रवादी’ तानाशाह Read More »

वीर सावरकर — वह बाग़ी जिसने अपनी क्रांति खुद लिखी

अग्नि से जन्मा एक क्रांतिकारी महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के छोटे से गाँव भगूर में 28 मई 1883 को एक ऐसे बालक का जन्म हुआ, जिसने आगे चलकर ब्रिटिश साम्राज्य को बंदूकों से नहीं, बल्कि अपने विचारों से हिला दिया। उसका नाम था — विनायक दामोदर सावरकर। तक़दीर ने इस तर्कशील युवक को एक ऐसी

वीर सावरकर — वह बाग़ी जिसने अपनी क्रांति खुद लिखी Read More »

🕉️ महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन — अनादि काल के अधिपति

मध्य प्रदेश के उज्जैन में पवित्र शिप्रा नदी के तट पर स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भगवान शिव के सबसे पूजनीय धामों में से एक है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है — वे स्थान जहाँ शिव स्वयं अनंत प्रकाश-स्तंभ (ज्योति) के रूप में प्रकट हुए थे। “महाकालेश्वर” शब्द “महान” और “काल” से मिलकर बना

🕉️ महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन — अनादि काल के अधिपति Read More »

गोपाल पाठा: वह कसाई जिसने शहर को बचा लिया

एक मांस बेचने वाला आदमी, जो 1946 में कोलकाता और तबाही के बीच दीवार बन गया। शहर में आग — एक डरावनी शुरुआत अगस्त 1946, कोलकाता। हवा में धुआँ और डर दोनों फैले थे। मस्जिदें और मंदिर एक साथ जल रहे थे। जहाँ कभी व्यापारियों की हँसी और ट्राम की घंटियाँ सुनाई देती थीं, वहीं

गोपाल पाठा: वह कसाई जिसने शहर को बचा लिया Read More »

लचित बोरफुकन: वह सेनापति जिसने एक ही रात में दीवार खड़ी की और एक साम्राज्य को हरा दिया

ब्रहमपुत्र के किनारे वह रात बिल्कुल शांत थी। नदी किनारे लगी हुई मशालें झिलमिलाती थीं और उनकी रोशनी पानी में हिलते-डुलते प्रतिबिंब बना रही थी। हज़ारों सैनिक बिना आवाज़ किए दौड़-भाग में लगे थे—कहीं खुदाई चल रही थी, कहीं मिट्टी की टोकरियाँ ढोई जा रही थीं और धीरे-धीरे एक मिट्टी का किला आकार ले रहा

लचित बोरफुकन: वह सेनापति जिसने एक ही रात में दीवार खड़ी की और एक साम्राज्य को हरा दिया Read More »

Shadows of Influence — The Untold Story of America’s Grip on Pakistan

अमेरिका की गिरफ्त में पाकिस्तान, जानिए कंगाल पड़ोसी पर अदृश्य नियंत्रण की अनकही कहानी

वॉशिंगटन की महफ़िल में पाकिस्तान का नाच दुनिया की ख़ुफ़िया एजेंसियों के अंधेरे गलियारों में सच शायद ही कभी उजाले में आता है। वह छिपा रहता है – गुप्त संदेशों में, बैकडोर कूटनीति में और अनगिनत पैसों से भरे ब्रीफ़केसों में। कभी-कभी कोई अंदरूनी व्यक्ति परदा हटाता है — किसी एक स्कैंडल को नहीं, बल्कि

अमेरिका की गिरफ्त में पाकिस्तान, जानिए कंगाल पड़ोसी पर अदृश्य नियंत्रण की अनकही कहानी Read More »

Sarkari Kaam: एफडीआई और भूमि आवंटन के जरिए शासन और विकास का संगम

भारत की बदलती आर्थिक तस्वीर में, जहाँ शासन, निवेश और विकास मिलकर देश की प्रगति की दिशा तय करते हैं, सरकारी काम (Sarkari Kaam) एक ऐसी संस्था के रूप में उभरा है जो सरकारी प्रक्रियाओं को आसान, पारदर्शी और परिणाममुखी बनाने के लिए समर्पित है। नीतियों और प्रगति के संगम पर स्थित यह संस्था निवेशकों,

Sarkari Kaam: एफडीआई और भूमि आवंटन के जरिए शासन और विकास का संगम Read More »

Scroll to Top